Frequently Asked Question (FAQ)डायवर्सन की सूचना से संबंधित आमजन के प्रश्न व उत्तर - डायवर्सन नियम 2018
क्र. | प्रश्न | उत्तर |
1 | व्यपवर्तन या डायवर्सन से क्या आशय है? | नियमानुसार डायवर्सन से आशय भूराजस्व के पुनर्निर्धारण से है| व्यवहारिक रूप से प्रत्येक भूमि /भूखंड का भू-राजस्व उसके उपयोग के अनुसार निर्धारित है जब किसी भूमि /भूखंड के उपयोग में परिवर्तन किया जाता है तो इसे व्यपवर्तन या डायवर्सन जैसे कृषि से आवासीय,आवासीय से व्यावसायिक तथा कृषि से व्यावसायिक आदि|मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता ( भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम 2018 के "अनुसूची-क भू-राजस्व का निर्धारण" तथा ‘अनुसूची-खव्यपवर्तन में प्रीमियम निर्धारण" को डायवर्सन करने हेतु उपयोग में लाया जा सकता है| |
2 | डायवर्सन कब एवं किस स्थिति में किया जाना चाहिए? | डायवर्सन, किसी भी एक प्रयोजन में निर्धारित भूमि का उपयोग किसी अन्य प्रयोजन में लाये जाने से पहले कराना चाहिए, जैसे कि कृषि से आवासीय, अथवा आवासीय से व्यवसायिक करने पर डायवर्सन किया जाना आवश्यक है| |
3 | डायवर्सन किस माध्यम द्वारा किया जा सकता हैं एवं प्रक्रिया कैसे पूर्ण की जा सकती हैं? | डायवर्सन की सम्पूर्ण प्रक्रिया राजस्व विभाग के पोर्टल www.mpbhulekh.gov.in पर ऑनलाइन उपलब्ध है। यहाँ पर नागरिक/ किसान को स्वयं को रजिस्टर एवं लॉगइन करना होगा, उसके पश्चात् डायवर्सन की सूचना ऑनलाइन की जा सकती हैं| इस हेतु पोर्टल पर उपलब्ध “डायवर्सन ऑनलाइन प्रक्रिया” मैन्युअल में दर्शित प्रक्रिया का पालन करें। |
4 | व्यपवर्तन कराने हेतु कौन-कौन से शुल्क देना होंगे? | मध्य।प्रदेश भू-राजस्वप संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम, 2018 द्वारा स्था्नीय निकाय के प्रकारों तथा उनके निवेश क्षेत्र के आाधार पर व्यपवर्तन के प्रयोजन अनुसार प्रीमियम और भू-राजस्व की दरें प्रति वर्गमीटर निर्धारित की गयी हैं। अत: प्रीमियम राशि एक बार, एक वर्ष का भू-राजस्वप, और यदि उस पर पंचायत उपकर देय हो तो पंचायत उपकर की राशि कोषालय में देय होती है। इसके साथ ही खसरा एवं नक्शाे की प्रतिलिपि की फीस एवं पोर्टल शुल्कत देना होगा। |
5 | डायवर्सन हेतु जमा की जाने वाली राशि की गणना कैसे करें? | मध्य प्रदेश भू-राजस्वा संहिता (भू-राजस्वक का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम, 2018 (अनुसूची क एवं ख) द्वारा स्थाकनीय निकाय के प्रकारों तथा उनके निवेश क्षेत्र के आाधार पर व्य पवर्तन के प्रयोजन अनुसार प्रीमियम और भू-राजस्व की दरें प्रति वर्गमीटर निर्धारित की गयी हैं। Mpbhulekh पर लॉग-इन पश्चात, डैशबोर्ड पर "दर सूची/Rate List” उपलब्ध है। उपयोगकर्ता "दर सूची" पर क्लिक कर दरों को देख सकता है। www.mpbhulekh.gov.in पोर्टल पर डायवर्सन की हेतु चाही गई जानकारी की प्रविष्ट करने पर सिस्टम अनुसार गणना कर देय राशि की जानकारी मिल जाती है। |
6 | डायवर्सन हेतु किस माध्यम से राशि जमा की जा सकती है? | www.mpbhulekh.gov.in पोर्टल पर डायवर्सन हेतु की गई गणना अनुसार ऑनलाइन चालान द्वारा राशि जमा करने की सुविधा दी गई हैं जो नागरिक ऑनलाइन बैंकिंग के साधनों का उपयोग कर जमा कर सकता है। |
7 | क्या डायवर्सन शुल्क में प्रीमियम एक ही बार दिया जाता हैं ? | www.mpbhulekh.gov.in पोर्टल पर डायवर्सन हेतु की गई गणना अनुसार ऑनलाइन चालान द्वारा राशी जमा करने की सुविधा दी गई हैं जिसमे डायवर्सन के प्रयोजन अनुसार पर एक बार लगने वाली प्रीमियम राशि एवं एक वर्ष का भू-राजस्व (वार्षिक शुल्क) शामिल होता है, इसके उपरांत प्रतिवर्ष भू-राजस्वा जमा किया जाना होगा जो कि इसी पोर्टल के माध्यम से जमा किया जा सकता है| भूमि उपयोग में परिवर्तन की दशा में करना चाहिए | |
8 | डायवर्सन कब किया जाना चाहिए? | डायवर्सन निर्माण के पूर्व किया जाना चाहिये | निर्माण जिस भी प्रयोजन के लिए किया जा रहा है उस प्रयोजन के लिए डायवर्सन किया जाना चाहिये जैसे कि यही कृषि भूमि पर आवासीय निर्माण का कार्य किया जाना है तो निर्माण कार्य शुरू करने से पहले कृषि से आवासीय डायवर्सन करना आवश्यक है | कृषि अनुसांगिक कार्य जैसे कि पशुचारा, अनाज संधारण आदि के लिये किये गए निर्माण पर डायवर्सन किया जाना आवश्यक नहीं है | परन्तु् ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि पर भूमि स्वाणमी द्वारा आवास प्रयोजन हेतु 200 वर्ग मीटर तक किया गया निर्माण एवं 40 वर्ग मीटर तक किया गया व्यवसायिक प्रयोजन का निर्माण को व्यपवर्तन से छूट प्रदान की गयी है। |
9 | क्या पूर्व से किसी एक प्रयोजन हेतु व्यपवर्तित भूमि को किसी दूसरे प्रयोजन हेतु व्यपवर्तन किया जा सकता है? | हाँ, यदि एक बार किसी एक प्रयोजन हेतु डायवर्सन किया जा चुका है तो वही प्रक्रिया अपनाकर पुन:उस भूमि को भिन्नक प्रयोजन हेतु परिवर्तित किया जा सकता है। जैसे–कृषि से औद्योगिक भूमि के डायवर्सन को वापस औद्योगिक से कृषि या अन्य में प्रयोजन हेतु परिवर्तित किया जा सकता है। |
10 | क्या पहले से किसी अन्य प्रयोजन में ली जा रही भूमि या पहले से किये गए निर्माण का भी डायवर्सन किया जाना चाहिए? | हाँ,यदि निर्माण या प्रयोजन पहले से कर लिया गया है और राजस्वस विभाग के कर्मचारी या अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गयी है तो भूमि स्वामी व्यपवर्तन की सूचना ऑनलाइन कर सकता है और उसे ऐसा करना भी चाहिए। |
11 | क्या डायवर्सन किया जाना जरूरी है,एवं नहीं किया जाने पर क्या कार्यवाही की जा सकती है? | हाँ,यदि किसी भी एक प्रयोजन में निर्धारित भूमि का उपयोग भिन्नि प्रयोजन हेतु किया जा रहा है या करना चाहते हैं,तो नियम अनुसार डायवर्सन कराया जाना आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं किया जाता हैं तो विधि अनुसार आपके विरुद्ध कार्यवाही की जा सकती है। |
12 | क्या व्यपवर्तन की सूचना के आवेदन को रद्द किया जा सकता है? | नहीं,एक बार व्यपवर्तन की सूचना का आवेदन पूर्ण करने के उपरान्तै उसे रद्द नहीं किया जा सकता है। आवेदन की पुष्टि के बाद उक्ते भूमि को पूर्व प्रयोजन में लाने के लिए पुन:व्येपवर्तन की सूचना का आवेदन करना होगा इस स्थिति में प्रीमियम एवं भू-राजस्वक की देय राशि शून्यस रहती है तथा आगामी वर्ष के लिये भू-राजस्व देय होगी | |
13 | क्या किसी खसरा क्रमांक के सम्पूयर्ण क्षेत्रफल का व्यपवर्तन किया जाना आवश्यक है या आंशिक क्षेत्रफल का भी व्यकपवर्तत किया जा सकता है? | नहीं, किसी खसरा क्रमांक के सम्पूकर्ण क्षेत्रफल का व्यपवर्तन किया जाना आवश्यहक नहीं है उसके आंशिक क्षेत्रफल का भी व्यपवर्तन किया जा सकता है| |
14 | क्या एक ही खाते केविभिन्न खसरों का एक साथ व्यपवर्तन किया जा सकता है? | हाँ, व्यपवर्तन की सूचना का आवेदन करते समय एक ही खाते के एक या एक से अधिक या खाते के समस्तन खसरों को व्यपवर्तन के लिए चुना जा सकता है| परन्तु व्यपवर्तन की सूचना के आवेदन में एक से अधिक खातों को नहीं चुना जा सकता है प्रत्येतक खाता के लिए पृथक-पृथक आवेदन करना आवश्यजक है। |
15 | क्या अलग-अलग खातों के अलग-अलग खसरों का एक साथ व्यपवर्तन किया जा सकता है? | नहीं, व्यपवर्तन की सूचना का आवेदन करते समय एक ही खाते के एक या एक से अधिक या खाते के समस्ती खसरों को व्यपवर्तन के लिए चुना जा सकता है| परन्तुत व्यपवर्तन की सूचना के आवेदन में एक से अधिक खातों को नहीं चुना जा सकता है प्रत्येक खाता के लिए पृथक-पृथक आवेदन करना आवश्यचक है। |
16 | क्या व्यपवर्तन की राशि को परिवर्तित किया जा सकता है? | व्यपवर्तन का शुल्क निर्धारण पोर्टल द्वारा किया जाता है, जिसका भुगतान आवेदक के द्वारा किया जाता है| आवेदक द्वारा व्यपवर्तन का शुल्क को परिवर्तित नहीं किया सकता है लेकिन गणना में त्रुटि होने पर राजस्व विभाग के अनुभागीय अधिकारी द्वारा परिवर्तित किया जा सकता है| |
17 | व्यपवर्तन में समस्या आने पर कहा सम्पर्क किया जा सकता है? | व्यपवर्तन से सम्बंधित समस्यायों के निराकरण के लिये टोल फ्री नंबर 1800 233 6763 पर संपर्क किया सकता है तथा https://mpbhulekh.gov.in पोर्टल पर ग्रीवेंस सेक्शन में शिकायत भी दर्ज की जा सकती है | |
18 | पोर्टल पर व्यपवर्तन राशि के भुगतान के पश्चात् यह कैसे कन्फर्म किया जा सकता है कि भुगतान कीराशि शासन के खाते में जमा की जा चुकी है ? | व्यपवर्तन के शुल्क का भुगतान ट्रेज़री के माध्यम से होता है|अगर भुगतान सफल है तो इसकी जानकारी भूलेख तथा ट्रेज़री पोर्टल के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है|भूलेख पोर्टल के रिपोर्ट्स सेक्शन में कोषालय चालान खोजें में चालान संख्या, चालानशुल्क,CRN संख्या, BRN संख्या,उपभोक्ता का नाम तथा उपभोक्ता के मोबाइल नंबर द्वारा भुगतान की जानकारी खोजी जा सकती है| |
19 | उपयोगकर्ता ने व्यपवर्तन की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया गया परन्तु पोर्टल पर दर्शित नहीं हो रहा है,इस स्थिति में क्या पुनः भुगतान किया जाये? | पोर्टल के माध्यएम से किये गये भुगतान डेटा को MPtreasury के साथ अपडेट करने में कभी-कभी समय लग सकता है। इस हेतु 24 घंटे प्रतीक्षा करना उचित होगा। पुन:भुगतान करने में जल्दी नहीं कराना चाहिए। ऐसी स्थिति उत्परन्न होने पर पोर्टल पर उपलब्धस शिकायत दर्ज करने की सुविधा के माध्यम से अवगत कराना चाहिए। |
20 | व्यपवर्तन की सूचना का आवेदन तथा अन्य सबन्धित दस्तासवेज डाउनलोड नहीं हो रहे है? | व्यपवर्तन सुविधा का उपयोग सभी प्रकार के browsers में किया जा सकता है परन्तु व्यपवर्तन अधिकतम सुविधापूर्ण उपयोगकर्ता अनुभव के लिए कंप्यूटर पर Mozila Firefox ब्राउजर का उपयोग करे| व्यपवर्तन से सम्बंधित समस्यायों के लिए इस पोर्टल (www.mpbhulekh.gov.in) पर उपलब्ध टोल फ्री नंबर्स 18002336763 पर संपर्क किया सकता। |
21 | क्या आवेदक का भूमिस्वामी होना अनिवार्य है? | नहीं,अन्य व्यक्ति भी भूमि स्वामी के ओर से आवेदन कर सकता है। |
22 | क्या संस्था भूमि स्वामी के रूप में डायवर्सन के लिए आवेदन कर सकती है? | हां,संस्था अनिवार्य दस्तावेज और जानकारी अपलोड करके आवेदन कर सकती है। |
23 | व्यपवर्तन सूचना हेतु आवेदन करते समय कौन-कौन से दस्तावेजों को प्रस्तुत करना आवश्यक है? | मुख्य रूप से पहचान प्रमाण,पता प्रमाण,तथा व्यपवर्तन का स्केच आवश्यक हैं। |
24 | क्या उपयोगकर्ता एक ही आवेदन में एक या अधिक व्यपवर्तन प्रयोजनों के लिए आवेदन कर सकता है? | हाँ, उपयोगकर्ता एक ही आवेदन में एक या अधिक व्यपवर्तन के प्रयोजनों के लिए आवेदन कर सकता है। पृथक-पृथक प्रयोजनों का क्षेत्रफल पृथक-पृथक बताया जाना अनिवार्य है। |
25 | भूमि क्षेत्रफल का माप यदि एकड़/दशमलव/हेक्टेयर/वर्ग फुट में है,क्या पोर्टल इस माप को स्वीकार करेगा? | नहीं,यहां पर क्षेत्रफल केवल बर्ग मीटर में ही भरा जा सकता है। क्षेत्रफल को परिवर्तित करने की सुविधा “क्षेत्र रूपांतरण”के रूप में पोर्टल पर दी गई है। |
26 | क्या डायवर्सन आवेदन करते समय पृथक से खसरा और नक्शा की प्रति आवश्यक है? | नहीं,उक्त प्रतियो का शुल्क आवेदन प्रक्रिया में शामिल है। आवेदन करने के साथ ही उक्तध प्रतिलिपि स्व्त: आवेदन के साथ संलग्न हो जाती हैं और आवेदक को भी उपलब्ध् होती हैं। |
27 | क्या ऑफ़लाइन चालान का उपयोग व्यपवर्तन की सूचना ऑनलाइन देने के लिए किया जा सकता है? | ऑफ़लाइन चालान जमा कर ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा पब्लिक उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध नहीं है। ऑफलाइन चालान के साथ आवेदन भौतिक रूप से संबंधित उपखण्डी अधिकारी के समक्ष प्रस्तुतत करना होगा। |
28 | उपयोगकर्ता द्वारा व्यपवर्तन की सूचना का आवेदन गलत प्रयोजन अथवा गलत क्षेत्रफल चयन किये जाने की स्थिति में क्या रद्द किया जा सकता है? | नहीं| |
29 | व्यपवर्तन सूचना आवेदन के अनुमोदन के लिए समय सीमा क्या है? | ऐसी कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है परन्तु व्यपवर्तन की सूचना उपखण्ड अधिकारी द्वारा 30 दिवस की अवधि में पुष्टय न किये जाने पर राजस्वप अभिलेख में उपखण्डन अधिकारी के आदेश के अध्यपधीन दर्ज किये जाने के निर्देश हैं। |
30 | व्यपवर्तन सूचना आवेदन की स्थिति कैसे पता की जा सकती है? | वेबसाइट www.Mphulekh.com पर जाएं -> "Track request" पर आवेदन संख्या दर्ज करें। |
31 | क्या राजस्व दल द्वारा व्यपवर्तन आवेदन करने के पश्चात् भूमि का भौतिक निरिक्षण किया जायेगा ? | नहीं , मध्य|प्रदेश भू-राजस्वय संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम, 2018 की धारा ५९ के अनुसार यदि आवश्यक होता है तो पुनर्निर्धारण किया जा सकता है | |
32 | यदि किसी आवेदक ने नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्र में आ रही भूमि का डायवर्सन उस उपयोग में किया जिस उपयोग में वह भूमि नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा स्वीकृत नहीं है, तो इस स्थिति में क्या होगा ? | ऐसी स्थिति में यदि आवेदक द्वारा आवेदन दिया जाता है तो आवेदन उपखंड अधिकारी द्वारा पुष्ट किया जायेगा परन्तु अन्य नियमो / अधिनियमों के जिनका उल्लंघन हो रहा है उस से सबंधित कार्यवाही सक्षम अधिकारी द्वारा की जा सकती है | नियमो का पालन करने का दायित्व आवेदक का है | |
क्र. | संचालन सम्बन्धी कठिनाईयाँ | तकनिकी निराकरण |
1 | वर्तमान ई-खसरा परियोजना हेतु तैयार सॉफ्टवेयर में से किसी भी न्यायालयीन आदेश तथा नामांतरण, बटवारा आदि को अद्यतन/अमल करने के लिये आवेदक अथवा पटवारी व्दारा रिक्वेस्ट दर्ज की जाती है जिस पर तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार व्दारा अपने यूज़र लाग-इन एवं पासवर्ड से उक्त रिक्वेस्ट को स्वीकार अथवा निरस्त करना होता है। जो रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली जाती है, उसे पटवारी अपने लॉगिन एवं पासवर्ड से आनलाईन संशोधित/दर्ज करते है। इसके पश्चात तहसीलदार डिजीटल हस्ताक्षर करते है, तत्पश्चात अद्यतन अभिलेख नकल देने हेतु जेनरेट होता है। उपरोक्त प्रकिया में आवेदन किस स्तर पर लंबित है इस हेतु ई-खसरा सॉफ्टवेयर में मॉनीटरिंग का कोई प्रावधन नहीं किया गया है । |
वेब साइट के Home Page पर रिक्वेस्ट आई.डी. के ट्रेकिंग की सुविधा दी गई है, जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि आवेदन किस स्तर पर लंबित है।
नामान्तरण बटवारा तथा खसरा रिपोर्ट के अन्दर विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट्स का समावेश किया गया है, जिसके द्वारा मॉनीटरिंग की जा सकती है, जैसे,
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2 | ई-खसरा परियोजना में वर्तमान वर्ष 2015-16 का अभिलेख डिजिटली हस्ताक्षरित किया गया है। जबकि इसके पूर्व वर्ष 2010 से 2015 तक अभिलेख डिजिटली हस्ताक्षिरत नहीं है । साथ ही जो राजस्व रिकार्ड आनलाइन किया गया है वह 20/01/2015 तक की स्थिती का है। दिनांक 01.02.2015 से 30.04.2015 तक किये गये संशोधन को भी साफ्टवेयर में आनलाइन नही किया गया है दोनों ही स्थितियों में संबंधित कृषक व्दारा अपनी भूमि के संबंध मे अभिलेख की मांग की जाने पर डिजिटल हस्ताक्षर संबंधी पूरी प्रक्रिया को नये सिरे से करना होगा। | सेन्ट्रल सर्वर पर डाटा अपलोड करने के लिए वेण्डर को डाटा उपलब्ध करने के दिनांक से, जिले में वेब बेस्ड जी.आई.एस. एप्लीकेशन लागू होने के दिनांक तक अभिलेख में हुए समस्त संशोधनों को विभागीय अमले द्वारा बैकलॉग मॉड्यूल से संशोधित कर उन्हें डिजिटली हस्ताक्षरित कराना होगा। प्रत्येक जिले में लगभग 8-10 लाख खसरे तथा इतने ही नक्शे हैं तथा इनकी लगभग 50% बी-1 है। पूर्व के वर्षों के इन सभी अभिलेखों को डिजिटली हस्ताक्षरित कराने में अधिक समय लगेगा। विगत वर्षों के अभिलेख, रिक्वेस्ट के आधार पर डिजिटली हस्ताक्षरित कर कृषकों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वर्तमान वर्ष के सभी अभिलेखों को डिजिटली हस्ताक्षरित करा कर सेन्ट्रल सर्वर पर अपलोड किया गया है। |
3 | ई-खसरा परियोजना में अभिलेख अद्यतन करने की प्रकिया में सर्वर पर एक प्रविष्टि की समय सीमा लगभग 10 मिनिट निर्धारित है। बड़े नामांतरण/ बटवारे जिनमें कई सारे खसरा नं. सम्मिलित होते हैं, के अपडेशन हेतु प्रायःअनुभव किया गया है कि सर्वर ही लागआउट को जाता है। | सर्वर पर अनावश्यक लोड न पड़े, इसलिए सेशन आउट होने का समय 10 मिनट निर्धारित किया गया है। सेशन लॉगआउट होने की समय-सीमा बढ़ाकर 20 मिनट किया गया है | |
4 | वर्तमान साफ्टवेयर नें उड़ान खसरा नम्बर एवं शामिल खसरा नम्बरों का बंटाकन दर्ज नहीं हो पाता है। | उड़ान खसरा नम्बर के लिए कार्य प्रगति पर है। शामिल खसरे का समावेश वेब जी.आई.एस. में किया गया है। इसके लिए कृपया लॉगिन के पश्चात Help का उपयोग करें। |
5 | खसरा नबंरो के बटान मे पूर्व से दर्ज क,ख,ग,ध इत्यादि आने के कारण इस प्रकार के बटान खसरे में दर्ज नहीं हो पाते हैं। | नक्शे में क, ख, ग, घ, मिन इत्यादि का उपयोग निषेध है। भविष्य में सर्वे / री-सर्वे एक्टिविटी के अन्तर्गत तैयार होने वाले डिजिटल नक्शों को एप्लीकेशन से जोड़ा जाना है। नेशनल रिमोट सेन्सिंग सेन्टर, हैदराबाद द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा डाटा अन्तर्राष्ट्रीय मानकों पर कार्य करता है। पूर्व में जिलों द्वारा अपने अनुसार सर्वे नम्बर दिए गए हैं। इन सभी को एकरूपता देने के लिए वेब जी.आई.एस. में प्रयास किए गए हैं। वेब बेस्ड जी.आई.एस. एप्लीकेशन में खसरा नम्बरों के बटान में पूर्व से दर्ज क, ख, ग, घ आदि के सुधार की प्रक्रिया निम्नानुसार निर्धारित है- ऐसे खसरों को, "खसरा संख्या सुधार" ऑप्शन में जा कर सुधार करेंगे। इसके बाद सुधारे गए खसरे को नक्शे से लिंक करेंगे। भविष्य में किसी सर्वे नम्बर के बटवारे के समय सिस्टम द्वारा स्वत: क्रमवार नम्बर दिए जाएंगे। |
6 | खसरे मे दर्ज अहस्तांतरणीय शब्द की प्रविष्टि खतौनी मे दर्ज होकर नहीं आती है। | पूर्व डाटा को ही सेन्ट्रल सर्वर पर अपलोड कर उसका डिजिटल वेरीफिकेशन कराया गया है। नए सॉफ्टवेयर में अहस्तांतरणीय शब्द की प्रविष्टि खसरे एवं खतौनी दोनों में दर्ज होती है। |
7 | नये खसरा नम्बरों का अपडेशन नहीं हो पा रहा है। | एप्लीकेशन में नया खसरा नम्बर जोड़ने के अधिकार तहसीलदार को दिए गए हैं। "नया खसरा नम्बर जोडें" मॉड्यूल तहसीलदार लॉगिन पर उपलब्ध है। |
8 | शासकीय खसरा नम्बरों की नोईयत ग्राम के खसरा प्रिन्ट मे लिखी हुई नहीं आ रही है, जैसे- मरघट, चरनोई, आबादी, खाल खद्घड़ एवं अन्य। | यह समस्या गिरदावरी के लिए पटवारी को दिए जा रहे ई-बस्ता सुविधा में प्राप्त हुई थी, जिसका निराकरण कर दिया गया है | |
9 | बंधकयुक्त एवं बंधक की एन्ट्री के संबंध में संपूर्ण खाते की बंधक राशि को प्रत्येक नबंर के रकवे के साथ लिखा जा रहा है जो व्यवहारिक नही है। | कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए यह सुविधा वेब बेस्ड जी.आई.एस. एप्लीकेशन में दी गई है। भविष्य में बैंक द्वारा ही भूमि को बंधक / बंधक मुक्त किया जाएगा। |
10 | जो सर्वे पहले से मिन/ में से नंबर मे प्रदर्शित हो रहा है। उसका बंटाकन के बाद मे मिन/में से शब्द नहीं हट रहे हैं। | नक्शे में क, ख, ग, घ, मिन इत्यादि का उपयोग निषेध है। एप्लीकेशन में खसरा संख्या सुधार मॉड्यूल का उपयोग कर खसरों में सुधार कर बटांकन किया जा सकता है। |
11 | किसी भी एक सर्वे नबंर मे अगर अलग एक से अधिक रजिस्ट्रियां होने पर अधिक लोग एक साथ आवेदन नहीं कर पाते है। | इस कार्यालय एवं पंजीयन विभाग के डाटा की शेयरिंग की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पंजीयन उपरांत नामान्तरण की रिक्वेस्ट स्वत: सम्बन्धित तहसीलदार को प्रदर्शित होने लगेगी। |
12 | फौती नामान्तरण अमल करते समय फौती हुए व्यक्ति के एक से अधिक खाते है तो उसके वारिसानों का प्रत्येक खाते के पृथक-पृथक आवदेन करना होगा जो व्यवहारिक नहीं है। | पूर्व में फौती नामान्तरण खातेवार ही होती थी। यही व्यवस्था इस एप्लीकेशन में की गई है। |
13 | उपरोक्त एप्लीकेशन मे बशरह कन्सेप्ट पर कोई ध्यान नही दिया गया है। उदाहरण यदि किसी खाते दस सर्वे नंबर की जाति संशोधन करना चाहे को प्रत्येक सर्वे नंबर को ओपन करना होगा,तब जाति संशोधन की जा सकती है जो कि अत्याधिक समय की बर्बादी है। | एप्लीकेशन बशरह कन्सेप्ट को लेकर ही तैयार कराया गया है। एप्लीकेशन में खातेवार जाति संशोधन समाहित हैं। |
14 | फसल प्रविष्टि करते समय अत्याधिक समय लग रहा है,जैसे सबसे पहले तहसील चुनेंगे,फिर हल्का चुनेगे,फिर ग्राम चुनेगे,फिर सर्वे नं., चुनेंगे,फिर कॉलम नं 5 व 6 में जायेगे फिर मौसम चुनेंगे,फिर फसल समूह चुनेंगे,फिर सिंचाई के साधन चुनेंगे, फिर फसल जोडेंगे,तब एक फसल की प्रक्रिया पूरी होगी। दूसरी फसल भरने के लिये प्रक्रिया का पुनः अनुसरण करना होगा। | बल्क फसल प्रविष्टि की सुविधा एप्लीकेशन में है। |
15 | वर्तमान में तहसील कार्यालय में उपलब्ध कम्प्यूटर सिस्टम एवं नेट कनेक्टिविटि की स्पीड इस साफ्टवेयर को रन करने के लिये पर्याप्त नहीं है। सायबर रिकार्ड रुम में अपडेशन एवं नकल निकालने की दृष्टि से कम्प्यूटर की संख्या एवं रेम केपेसिटी भी अपर्याप्त है। | जिले द्वारा उपलब्ध करायी गई SWAN कनेक्टिविटी पर वेण्डर के द्वारा प्रतिलिपियाँ नागरिकों को उपलब्ध करायी जा रही हैं। जिलों को इस कार्यालय द्वारा पूर्व में उपलब्ध कराए गए कम्प्यूटर वेब बेस्ड जी.आई.एस. पर कार्य करने के लिए उपयुक्त हैं। सायबर रिकॉर्ड रूम के लिए उपलब्ध कराए गए कम्प्यूटर उनसे अधिक आधुनिक तकनीक के हैं। कहीं-कहीं SWAN की गति के कारण यह समस्या हो सकती है। |
16 | पटवारी व्दारा रिकार्ड दुरुस्त कराने में सबंधित साफ्टवेयर में बंटाकन करने पर कैफियत को काँलम न.12 की जानकारी जैसे कि अहस्तातरणीय, बैक बंधक, बोर, मकान, पेड,पौधे खसरे से हट जाते है जो कि बहुत महत्वपूर्ण जानकारिया है। | नई प्रविष्टि दर्ज करने पर पूर्व में NIC सॉफ्टवेयर द्वारा कॉलम 12 में की गयी पुरानी प्रविष्टि नहीं हटती है। बंटाकन उपरान्त बोर, मकान, पेड, पौधे, बैक बंधक अहस्तातरणीय आदि किसी एक खसरे मे दर्ज होंगे । बटांकन उपरान्त पटवारी को यह किसी एक खसरे में दर्ज करने होंगे क्योंकि एप्लीकेशन स्वतः नहीं बता सकता है की यह सब किस खसरे मे जायेगा। |
17 | काँलम न. 3 में सुधारकरने/नामातंरण करने पर प्रबन्धक कलेक्टर,बैक प्रबंधन खसरे से हट जाता है। | काँलम न. 3 में सुधार करने हेतु, भूमि स्वामी सुधार Owner correction module की सुविधा उपलब्ध है। प्रबन्धक कलेक्टर,बैक प्रबंधन आदि स्वतः नहीं हटते है। |
18 | पूर्व में बंटाक किए गये फोरलाइन/एन एच7/रोड के खसरे मे यदि पूर्व से चार बंटाक है तथा नक्शा में दो बंटाक है तो नक्शो मे नये बंटाक करने की कोई सुविधा नही है । | इस एप्लीकेशन में Map rectification module (नक्शें में पार्सल split/ merge हेतु) तथा Map clipping / update (नक्शे में नये पार्सल जोड़ने /बनाने हेतु) की सुविधा उपलब्ध है । |
19 | यह कि खरीफ,विक्रय,बंटाक नामातरँ के पश्चात रकवे में कमी न होना नामातरण के पश्चात खसरे से रकवे मे कमी होन पर नये बंटाक करने के पश्चात भी पूर्व का रकवा प्रदर्शित हो रहा है।साथ ही नया रकवा बटांक भी प्रदर्शित हो रहा है । | मूल खसरा नंबर तथा उसके बटांकन पूर्व में संचालित NIC सॉफ्टवेयर में वेलिडेशन नहीं होने के कारण उपलब्ध है । इस एप्लीकेशन में बटांकन के समय सॉफ्टवेयर द्वारा स्वतः नए खसरा नंबर दिए जाते है जो मूल खसरा नंबर को डीएक्टिवेट करके बनते है इस कारण से मूल तथा उसके बटांकन एक साथ नहीं प्रदर्शित होते है। इस एप्लीकेशन में मूल तथा उसके बटांकन को link करने की सुविधा बटांकन करते समय उपलब्ध है । |
20 | खसरे मे फौती दुरुस्त न होना-खसरे में वारसानो के नाम अधिक होने पर साप्टवेयर व्दारा वारसानो के नाम स्वीकार नही किये जाते। उदाहरण ग्राम छनगवा रा.नि.मं मझगवा के खसरे में वर्तमांन में चालीस नाम है तथा फोती दर्ज करने तीन नाम और आना है जिसे साप्टवेयर में स्वीकार नही किया जा रहा है । | भूमि स्वामी सुधार करने के लिए Owner correction module की सुविधा उपलब्ध है । |
21 | सेवा खातेदारो के अभिलेख मे सुधार किए जाने पर उनका नाम प्रदर्शित नहीं हो रहा है । | सेवा खातेदारो के अभिलेख सुधार करने के लिए शासकीय भूमि धारक सुधार की सुविधा उपलब्ध है । कृपया खसरे का भूमि प्रकार verify करे । खसरे का भूमि प्रकार गैर शासकीय हो सकता है । |
22 | साप्टवेयर में नक्शे के क्रमांक Z1,Z2 आदि लिखे हुए है साप्टवेयर व्दारा नक्शे के सही क्रमांक लिखने का कोई सुविधा नही है । | इस एप्लीकेशन में Map number / attribute update की सुविधा उपलब्ध है । |
23 | कलेक्टर/अपर कलेक्टर के आदेशानुसार नक्शा बटांकन का आदेश पारित कर दो बंटाकन किया जाना है लेकिन संबंधित साप्टवेयर में दो नक्शों के मर्ज करने की सुविधा नही है । | इस एप्लीकेशन में Map rectification module (नक्शें में पार्सल split/ merge हेतु) की सुविधा उपलब्ध है । |
24 | यदि किसी खसरे के वर्तमान में बंटाक हो गये है तो बटांक के अलावा अमूल खसरा न.एवं उसका पूर्ण रकवा भी प्रदर्शित हो रहा है । | मूल खसरा नंबर तथा उसके बटांकन पूर्व में संचालित NIC सॉफ्टवेयर में वेलिडेशन नहीं होने के कारण उपलब्ध है | इस एप्लीकेशन में बटांकन के समय सॉफ्टवेयर द्वारा स्वतः नए खसरा नंबर दिए जाते है जो मूल खसरा नंबर को डीएक्टिवेट करके बनते है इस कारण से मूल तथा उसके बटांकन एक साथ प्रदर्शित नहीं होते है| इस एप्लीकेशन में मूल तथा उसके बटांकन को link करने की सुविधा बटांकन करते समय उपलब्ध है । |
25 | यह कि तहसील सिहोरा अतर्गत एन एच 7 में भूमि स्वामी के भू-अर्जन होने के उपरात खसरे के काँलम न.3 में भूमिस्वामी के स्थान पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग भारत सरकार मे सस्था प्रदर्शित हो रहा है । | भूमि स्वामी सुधार करने के लिए Owner correction module की सुविधा उपलब्ध है| भूमि स्वामी सुधार उपरान्त तहसीलदार द्वारा पुनः डिजिटली हस्ताक्षरित व्दारा अनुमोदित किया जा सकता है । |
26 | खसरे मे बंटाकन के पश्चात नया नबंर जोडने का आँप्सन बंद कर दिया गय़ा है । | नया खसरा नबंर जोडने की सुविधा उपलब्ध है । |
27 | सॉफ्टवेयर मे खसरा नबंर जैडने का आँप्सन बंद है। शामिल खसरा न.का आँप्सन बंद है। खसरा सीमा सुधार बंद है। भूमी स्वामी विलय बंद है । | नया खसरा नबंर जोडने की सुविधा उपलब्ध है । खसरा सीमा सुधार की सुविधा उपलब्ध है । भूमी स्वामी विलय का कार्य प्रगति पर है । |
28 | अभिलेख में छूटे खसरे के बटे नबंर पाना संभव नहीं है । | नया खसरा नबंर जोडने की सुविधा उपलब्ध है । |
29 | खसरे की नकल के आवेदन का अनुमोदित करने की प्रकिया जटिल है क्योकि प्रत्येक खसरे की पृथक रुप से अनुमोदति करना होता है जबकि ये प्रक्रिया नक्शे अनुमोदन जैसी होनी चाहिए । | अनुमोदन हेतु “बल्क अनुमोदन” की सुविधा उपलब्ध है । |
30 | आँनलाइन खसरा सीरियल सिलसिलेवार नही है । | एप्लीकेशन में बटांकन के समय सॉफ्टवेयर द्वारा स्वतः नए खसरा नंबर सिलसिलेवार दिए जाते है । |
31 | छूटे हुए खसरो को लाने की सुविधा नहीं है। बंधक दर्ज करने पर समस्त खसरे अपरुबल में नहीं आना । | नया खसरा नबंर जोडने की सुविधा उपलब्ध है । खसरे में किसी भी कॉलम में संशोधन होने से खसरा को पुनः डिजिटली हस्ताक्षरित करना होता है । |
32 | खसरा नबंर एव नक्शा क्रमांक में लिकिंग की समस्या बहुतायत है । | NIC सॉफ्टवेयर में खसरा के साथ नक्शों को तरमीम करने की अनिवार्यता नहीं होने से जिलों द्वारा नक्शों को तरमीम नहीं किया गया है। उक्त सॉफ्टवेयर क्लाइन्ट / सर्वर बेस था, जिसकी अन्य विभागों के साथ सम्बद्धता नहीं थी । वेब बेस्ड जी.आई.एस. एप्लीकेशन की सम्बद्धता अन्य विभागों (पंजीयन, बैंक, राजस्व न्यायालय आदि) से की जाना है। अत: इन विभागों के साथ डाटा शेयर करने में आवश्यक है कि डाटा शत्-प्रतिशत् अद्यतन (नक्शा एवं खसरा एक दूसरे के अनुरूप अद्यतन हों) हों। इसलिए वर्तमान सॉफ्टवेयर में नक्शों को खसरे के अनुरूप अद्यतन करने को अनिवार्य किया गया है। इसके लिए पूर्व में खसरे में हुए संशोधनों को नक्शे में अमल करना होगा इस हेतु Map rectification module (नक्शें में पार्सल split/ merge हेतु) Map number / attribute update - Map number exchange (दो पार्सलों के नम्बर विनिमय हेतु) - Map number update (नक्शे में पार्सल नम्बर सुधारने हेतु) Map clipping / update (नक्शे में नये पार्सल जोड़ने /बनाने हेतु) मॉड्यूल उपलब्ध है । |
33 | उडान नबंर के खसरे जो कि फीड नहीं है। वर्तमान सॉफ्टवेयर मे इनको पुन फीड करने का कोई आँप्सन नहीं है । | नया खसरा नबंर जोडने की सुविधा उपलब्ध है। नया खसरा जोड़ने उपरान्त खसरे को उड़ान खसरे मार्किंग किया जा सकता है । |
34 | विशेषकर शहरी/नगरीय आबादी वाले क्षेत्रो में 0.02 हे.से कम रकवे वाले खसरा नंबर के नक्शो बंटाकित नही हो पा रहे है । | शहरी/नगरीय आबादी वाले क्षेत्रो के लिए पृथक से नजूल मॉड्यूल तैयार करने का कार्य प्रगति पर है । |
35 | खसरे न. नया नामातरण लंबित होने पर पूर्व में दर्ज सभी अनुमोदित रिकार्ड डिएक्टिवेट हो जाती है । | इस एप्लीकेशन में बटांकन के समय सॉफ्टवेयर द्वारा स्वतः नए खसरा नंबर दिए जाते है जो मूल खसरा नंबर को डीएक्टिवेट करके बनते है इस कारण से मूल तथा उसके बटांकन एक साथ नहीं प्रदर्शित होते है| इस एप्लीकेशन में मूल तथा उसके बटांकन को link करने की सुविधा बटांकन करते समय उपलब्ध है । |
36 | प्रत्येक 02 मिनट के अंतराल मे सेशन आउट हो जाता है जिससे डाटा अघतन मे परेशानी होती है । | सेशन का टाइम बड़ा कार्य 20 मिनट कर दिया गया है । |
37 | जिन खसरो में बटांक पूर्व में हो चुके है किन्तु नबंरो में बटाक दर्ज नही है उन खसरो में बटांक दर्ज करने के लिए सॉफ्टवेयर में बटवारे का आँप्सन आता है तो नक्शा ड्राप डाइन लिस्ट में होना जरुरी है किन्तु अधिकांश नक्शो ड्राप डाउन लिस्ट में दर्ज नही है अत उनका बटाक संभव नही हो पा रहा है । | नया खसरा नबंर जोडने की सुविधा उपलब्ध है । |
38 | मूल खसरा नबंर के बटांक होने के पश्चात के पश्चात मूल खसरा नबंर परिवर्तित हो जाता है या रिकार्ड परिवर्तित किया जाता है। किन्तु आँनलाइन बेव जी.आई.एस सॉफ्टवेयर के पूर्व रिकार्ड संधारण के समय मूल नबंर को यथावत रखते हुए उसके बटांक कर दिए गए है। वर्तमान भू-अभिलेख रिकार्ड (शहरी क्षेत्र नजूल) में कई खसरा नबंरो के कई बटांक हो चुके है, जिससे बेब जी.आई.एस सॉफ्टवेयर में न्यायालयीन आदेश दुरुस्त नही हो पा रहे है । | इस एप्लीकेशन में बटांकन के समय सॉफ्टवेयर द्वारा स्वतः नए खसरा नंबर दिए जाते है जो मूल खसरा नंबर को डीएक्टिवेट करके बनते है इस कारण से मूल तथा उसके बटांकन एक साथ नहीं प्रदर्शित होते है| इस एप्लीकेशन में मूल तथा उसके बटांकन को link करने की सुविधा बटांकन करते समय उपलब्ध है । |
निम्नलिखित में से किसी एक के आधार पर नामांतरण कराया जा सकता है :उत्तराधिकारी
Based on any one of the following Mutation can be done:
नामांतरण के लिए आवश्यक दस्तावेज़ नामांतरण के आधार पर निर्भर करता है | निम्नलिखित दस्तावेज़ों केआधार पर नामांतरण कराया जा सकता है:
Documents required for Mutation depends on the base of Mutation. Mutation can be done on the basis of following documents: